भारत- भूमि
यहाँ के श्यामल-कुञ्ज ,घने जंगल ,
सरिताओं की माला पहने हुए शैल-श्रेणी ,हरी-भरी वर्षा
गर्मी की चांदनी ,शीतकाल की धूप,और भोले कृषक तथा
सरला कृषक-बालिकाएं बाल्यकाल की सुनी हुई कहानियों की जीवित प्रतिमाएं हैं |
यह स्वप्नों का देश,यह त्याग और ज्ञान का पालना,
यह प्रेम की रंगभूमि -भारतभूमि क्या भुलाई जा सकती है?
कदापि नहीं |
अन्य देश मनुष्यों की जन्म-भूमि है ,यह भारत मानवता की जन्मभूमि है |
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अरुण यह मधुमय देश हमारा |
जहाँ पहुंच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा |
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-कार्नेलिया (चन्द्रगुप्त)
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