नायक धोनी

महेन्द्र सिँह धोनीः एक आदर्शं..(क्या वाकई) चमत्कार को नमस्कार इसे कहते है। एक समय था जब धोनी स्वयं अपना अक्ष तलाश रहे थे उनके सामने पार्थिव तथा कार्तिक को लेकर टीम मे चयन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।धोनी को 2005 मे एक मौका मिला तब से लेकर आज तक टीम से बाहर नहीँ हुआ है, ऐसा नहीँ कि धोनी से बेहतर खिलाडी नहीँ है पर खुद को पेश करने की जो कला इसमेँ है वह किसी खिलाडी नहीँ है।धोनी का यह कला वाकई अनुकरणीय है।